Sunday, November 30, 2008
ओए लकी, लकी ओए: सुपरचोर की दुनिया में एंट्री
फिल्म खोसला का घोसला के बाद 4 साल का लंबा इंतजार करवाकर यंग डाइरेक्टर दिबाकर बनर्जी अपनी नई फिल्म ओए लकी , लकी ओए के साथ दर्शकों के बीच उतर आए हैं। इस बार उनकी फिल्म दिल्ली और आसपास के इलाकों में रईसों के बंगलों में चोरियां करके करोड़पति बने दिल्ली के शातिर सुपर चोर बंटी की कहानी से काफी मिलती है। भले ही फिल्म के निर्माता इस बात को नकारते हों लेकिन देखते हुए आपके जहन में बंटी का ख्याल एक बार तो आ ही जाएगा। शायद , दिबाकर भी यही चाहते थे कि दर्शक उनके लकी की तुलना बंटी से करें , इसलिए उन्होंने इस फिल्म को दिल्ली की भीड़भाड़ वाली आउटडोर लोकेशन पर शूट किया है। राजधानी का बंटी महंगी कारों और रईसों वाली जिंदगी जीने के लिए चोरियां करता था , तो कुछ ऐसा ही हाल लकी ( अभय देओल ) का भी है। दिबाकर का लकी अपनी फैमिली को रईसोंवाले सारे ठाठ और प्रेमिका सोनल ( नीतू चंद्रा ) की हर ख्वाहिश को पूरा करने के लिए चोरियां करता है। इसी छोटी सी कहानी को दिबाकर ने दो घंटे की लाइट कॉमिडी फिल्म में पेश किया है। भले ही फिल्म की कहानी लकी की हो लेकिन पूरी फिल्म में तीन - तीन भूमिकाओं में नजर आए परेश रावल छाए हुए हैं। लकी के रफ - टफ और अपनी दुनिया में मस्त रहने वाले पापा के अलावा , परेश फुटपाथ पर अपनी अलग दुनिया चलाने वाले गोगा भाई और रईस क्लास के प्रतिनिधि मिस्टर हांडा की भूमिकाओं में सब पर भारी पड़े हैं। सोचा ना था , आहिस्ता - आहिस्ता और एक चालीस की लास्ट लोकल के बाद अभय देओल इस बार शातिर चोर की भूमिका में जमे है। बतौर डाइरेक्टर , दिबाकर ने फिल्म को कहीं भी सुस्त नहीं होने दिया। लेकिन बंटी की इस फैमिली में सोनल बनी नीतू चंद्रा बस शो पीस बनकर रह गई हैं।
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