मुंबई में 26 नवंबर को हुए आतंकवादी हमलों में शामिल अजमल आमिर कसव पुलिस की गिरफ्त में है और मुंब
ई पुलिस को डर है कि कहीं वह जान न दे दे। हर समय उसके पास कोई न कोई रहता है, खाना भी चेक करने के बाद दिया जाता है।
कसव बार-बार पु्लिस से यही कहता है: मुझे मार दो। लेकिन पुलिस जिंदा रखने की पूरी कोशिश कर रही है।
कसव को ऐसे कमरे में रखा गया है जिसमें पंखा, बेड या कोई ऐसी चीज नहीं है जिससे वह जिंदगी खत्म कर सके। क्राइम बांच उसे एक जगह ज्यादा समय तक नहीं रखती। क्राइम ब्रांच के एक अफसर के मुताबिक उसे जहां रखा जाता है, उस बारे में ठीक तरह कोई नहीं जानता है।
उसके लिए जो खाना आता है, वह भी विश्वसनीय जगह से आता है। उसे खाना तभी मिलता है, जब क्राइम ब्रांच के अफसर खुद वह खाना खाकर देख लेते हैं। कसव को कभी अकेला भी नहीं छोड़ा जा रहा। एक पुलिसकर्मी 24 घंटे उसके पास रहता है। जब कभी वह जगा होता है, उसे बातचीत में लगाए रखने की कोशिश करता है।
पुलि वालों को इस बात का भी डर है कि कहीं वह सांस रोककर जान न दे दे। हालांकि इस बात की संभावना कम बताई जा रही है। उसके शरीर पर सिर्फ अंडरगार्मन्ट ही छोड़े गए हैं।
एक अफसर के अनुसार कपड़े इसलिए नहीं हैं कि कहीं वह उन्हें खा कर जान देने की कोशिश न कर बैठे।
Amar Victor
Friday, December 5, 2008
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आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteहिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आप बधाई के पात्र हैं / आशा है की आप किसी न किसी रूप में मातृभाषा हिन्दी की श्री-वृद्धि में अपना योगदान करते रहेंगे!!!
ReplyDeleteइच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए!!!!
स्वागतम्!
लिखिए, खूब लिखिए!!!!!
प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें